वो शहरों की सड़कों पर भागते मुर्दा लोग
लिबास को कफन की तरह पहनते और ढोते लोग
दरख्तों के साये मे बैठ कर मुसाफिरों को कोसते लोग
जिंदगी की तलाश मे साँस लेते वो खामोश लोग
जिंदा हो तो जिंदगी कहा हैं
कोई तो अब मिसाल दो कोई तब ख्याल दो
की तुम जिंदा हो मुर्दा नहीं, कुछ तो अब जवाब दो
इन मुरदों की बस्तियों मे
मेरे जगाने का एक तो मुझे अब फायदा दो
कोई तो अब जवाब दो
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