Saturday, March 4, 2023

शौर्य क्या हैं

सामर्थ्य की अंतिम सीमा को

अपने आत्म-बल से बड़ा कर लेना ही शौर्य हैं

लहू की बहती हुई धार से

रणक्षेत्र को सींचना ही शौर्य हैं

साहस की लहरों पर चड़कर

खुद के डर के पार जाना ही शौर्य हैं

रिश्तों की उलझती गाँठो को

प्रेम की उंगलियों से खोलना ही शौर्य हैं

अन्याय की गरम जंजीरों को

ठंडे दिमाग से तोड़ देने का हुनर ही तो शौर्य हैं

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