आज मैंने उनको अलविदा कह दिया,
हंस के आंसुवो से जुदा कर दिया ,
ज़िन्दगी के इस मुकाम पे आके ,
हमने उस मुकाम को अलविदा कह दिया,
किसी के प्यार ने हमे प्यारा बना दिया ,
मुझे मुझसे ही को मिला कर जीना सिखा दिया,
यूँ तो हम राह के पत्थर थे ,
तराश कर मुझे उसने , अपना खुदा बना दिया ,
दे ना सके उसको हम ,
जो उसने हंस के हमे दे दिया ,
प्यार की थोड़ी सी ही उम्र में ,
उसने उम्र भर का प्यार दे दिया,
यूँ तो वो रात की तन्हाई में रोते थे अक्सर ,
पर क्यूँ मुझे रोकर मुस्कुराना सिखा दिया ,
हम चले गए तुम्हे छोड़ कर ,
तुम्हारे सपनो को यूँ मिटा दिया,
रात के अँधेरे में अब ,
फिर से हमने अँधेरा जगा दिया ,
जो दिया तुमने जलाया था ,
आज उसी को हमने बुझा दिया ,
और आज हंस कर मैंने तुम्हे ,
अपना आखिरी अलविदा कह दिया,
No comments:
Post a Comment