Saturday, August 25, 2012

मेरी खता : कभी तुमने कहा था


हम चलेंगे एक साथ          
कभी तुमने कहा था
न होंगे हम जुदा
कभी तुमने ही कहा था


तुमने ही तो कहा था
हाँ तुमने ही कहा था
तुम अद्धोरी,  बिन मेरे,
मैं अधूरा बिन तेरे,
साँसों का चलना, 
दिन का गुजरना,
दिल का धडकना, 
मेरे सपने में वो,
तुम्हारा  रहना,
तुमने ही तो सब कहा था,


तुमने ही तो कहा था
 और मैं सब सुन रहा था
लेकिन फिर एक दिन, ऐसा भी आया
तुम किसी मोड़ से,  बने किसी और का हम साया.


तुमने ये तो नहीं कहा था
कहने सुनने की तुम्हे तो आदत थी
मैं तुम्हे सुनता ही रह गया
और शायद यही मेरी खता थी

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