Saturday, December 17, 2022

शायर

जो कभी आम थे वो दिल के खास हो गए

जो हासिल ना हो सके वो एहसास हो गए

कभी जो जुड़ गए तो फ़साना बना दिया    

और चल दिए तो वो शायरी हो गए

वो हर एक शायरी एक मोहब्बत की निशानी हैं

दिल टूँटते रहे और हम शायर मशहूर हो गए

 

मेरे मशहूर होने मे तेरा कुछ तो हाथ होगा

गमों के इस सफर मे कुछ तो याद होगा

या हमसे दिल्लगी के सफर मे मगरूर हो गए

शायरी का हमारा यूं तो कोई इरादा नहीं था

लेकिन हम पिघलते रहे आप पत्थर हो गए

वो पहली शायरी एक खास मोहब्बत की निशानी हैं

फिर दिल टूँटते रहे और शायर हम मसरूफ़ हो गए

 

तेरे जाने के बाद जो आए वो तुझ जैसे ही थे

मुझे मशहूर करने की जिद्द ले ही बैठे थे

फिर वो सारे कभी फ़साना तो कभी शायरी हुए

लबजो की इन्ही कारीगरी से हम शायर हो गए

वो हर एक शायरी एक मोहब्बत की निशानी हैं

दिल टूँटते रहे और देखो हम शायर हम मशहूर हो गए

 

‘अभिषेक’

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